दिल्ली: 2022 में होने वाले दिल्ली नगर निगम के चुनाव में तीन पार्टियां लड़ाई में शामिल हैं लेकिन कांग्रेस के कम होते जनाधार के कारण आगामी चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा और आप के बीच ही टक्कर होनी तय है। पिछले चुनाव में भाजपा ने नगर निगम की तीनों सीटों पर कब्जा जमाया था लेकिन इस बार के चुनाव में भाजपा की राहें आसान नहीं होंगी, इसके कई कारण हैं-
संविदा कर्मचारियों की समस्याएं
2017 के चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों से पक्की नौकरी का वादा किया था, लेकिन दुर्भाग्यवश वो वादा अभी तक पूरा नहीं हो सका है जिसका खामियाजा भाजपा को आगामी चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
स्कूलों की खराब स्थिति
दिल्ली नगर निगम 1600 स्कूलों का संचालन करती है जिनकी स्थिति दिल्ली सरकार के स्कूलों से अच्छी नहीं है, ये मुद्दा भी भारतीय जनता पार्टी की राह में एक रोड़ा साबित होगा।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के लिए भी यह चुनाव इतना आसान नहीं होने वाला है, पिछले चुनाव की तरह यदि आप अतिआत्मविश्वास में चुनाव लड़ती है तो फिर इसका फायदा भाजपा को निश्चित है, क्योंकि ये दिल्ली की वही जनता है जो लोकसभा की सभी सीटें भाजपा को सौंपती है और विधानसभा में आप पर भरोसा जताती है। यदि आप 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह बेकार मुद्दों से वोट लेना चाहेगी तो पुनः उसे नतीजा ढाक के तीन पात ही मिलनेवाला है।
- Aashish singh
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