लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को इस्तीफा देकर भाजपा सरकार को एक बड़ा झटका दिया। सरकार से किनारा लेते हुए विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ पार्टी छोड़ने का नतीज़ा एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
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भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा है कि, मोदी सरकार सिर्फ बड़े-बड़े फैसले करना जानती है; लेकिन उन पर अमल आज तक नहीं कर पाई। 14 जनवरी को उत्तर प्रदेश की सरकार का फैसला ख़ुद ही हो जाएगा।स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ रोशन लाल वर्मा, भगवती प्रसाद सागर और बृजेश प्रजापति, इन सभी नेताओं ने भी भाजपा सरकार से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी को ज्वाइन करने का फैसला लिया है।
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इस्तीफा देने के तुरंत बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मीटिंग की और विधायक रोशनलाल के साथ ट्विटर पर अपनी मीटिंग की तस्वीरें भी साझा की। इस ट्वीट पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जवाब देते हुए कहा कि, स्वामी प्रसाद जी से आग्रह है कि वह वापस आकर, बैठ कर बात करें, ज़ल्दबाज़ी में लिए गए फैसले अक्सर गलत होते हैं।स्वामी प्रसाद ने कहा कि मंत्री के रूप में अलग-अलग परिस्थितियों में साथ देते हुए भी , दलित, किसान और बेरोजगारों की अपेक्षा के कारण वह अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं।फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव के साथ चर्चा कर रहे हैं और सरकार में जुड़ने की बैठक भी कर रहे हैं|
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