पूरे प्रदेश में एक बार फिर ठंड ने अपना केहर ढाना शुरू कर दिया हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बढ़ती ठंड का कारण ग्लोबल वार्मिंग है "ला - नीना" की वजह से ज्यादा ठंड पड़ रही हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रशांत महासागर की सतह पर तेज़ी से तापमान बदल रहा है जिसके कारण ठंड बढ़ रही है।
प्रशांत महासागर की सतह के तापमान कम होने को " ला - नीना" इफेक्ट कहते हैं जिसके प्रभाव से मौसम में गिरावट आती हैं जिसका असर नॉर्दन हीमिस्फर के प्रदेश जिसे भारत, अफगानिस्तान, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में देखने मिलता है। मौसम विभाग के मुताबिक़ 21से 25 जनवरी तक ठंड और बढ़ेगी।
वैज्ञानिकों का कहना है की ग्लोबल वार्मिंग के कारण मॉनसन 15 अक्टूबर तक लौट जाता है लेकिन इस बार मानसून का असर बाद में हुआ जिसके कारण ठंड भी देरी से बढ़ रही है।
0 टिप्पणियाँ