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दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में सेवा इंटरनेशनल ने "मानव शोषण और तस्करी" विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजित किया

समाज के जागरण से ही रोका जा सकता है मानव शोषण और तस्करी :- श्री चौहान 

नई दिल्ली: संगोष्ठी के  समापन सत्र में मुख्य वक्ता और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि  आज के समय मे सबसे अधिक मानव शोषण वनवासी सामज का होता है।अनुसूचित जनजाति आयोग इस में पहल कर रहा है।हम सब अपनी परेशानियों को बता कर इस अपने कर्तव्य से नहीं भाग सकते।

व्यवस्था के साथ-साथ सामज में शोषित व्यक्तियों की स्वीकृति उनका पुनर्वास आवश्यक है। मानव तस्करी आंदोलनो के आधार पर यह परिवर्तन नहीं देखा जा सकता है।सामज और मीडिया को स्थानीय स्तर पर जानकारी करनी चाहिए।उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए। हम सब का आंदोलनात्मक तरीक़े से काम कर सकते है लेकिन परिवर्तन  तब जाकर ही आएगा। जब सभी साथ मिलकर मानव तस्करी के खिलाफ आवाज उठाएंगे। 

बताते चलें कि सेवा इन्टरननेशलन के इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मानव तस्करी सम्बंधित विभिन्न विषय पर चर्चा की गई, कार्यक्रम में सेवा इन्टरननेशलन के सचिव श्याम परांडे ने कहा कि साथ मिलकर ही लड़ा जा सकता है परेसानी से। सुनामी तो एक बार आकर चली जाती है लेकिन यह बीमारी है।उन्होंने यह भी कहा कि  जनसामान्य के सुझाव बहुत आवश्यक है,आप सब अपने सुझाव अवश्य ही नीति निर्धारकों को भेज सकते है ताकि उसके आधार पर कानून बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जनजागरूकता के लिए समय-समय पर ऐसे मेगा कैंप लगा कर स्कूलों में कॉलेजों को जागरुक करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के हंसराज कॉलेज के प्राध्यापक और कार्यक्रम के सयोजक  प्रभांशु ओझा ने कहा कि "हमारा उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है और लोगों को ताकि हमारे बच्चे परिवार के लोगों का किसी भी प्रकार का शोषण न हो ,यह वक्त बहुत ही महत्वपूर्ण है आज हम संक्रमण के वक्त से ग़ुज़र रहे है।हम सब जागरूक होने के साथ -साथ  आसापास के लोगों को भी जागरूक करें।यह हम सब की ज़िम्मेदारी भी है। 

आप को बता दे कि सेवा इन्टरननेशलन विश्व के लगभग 26 देशों में काम करती है।वही भारत के लगभग 29 राज्यों में इस संगठन का कार्य है। वहीं हाल ही में यूक्रेन संकट के बीच युक्रेन से लगभग 3500 छात्रों को सुरक्षित भारत तक लागा है। अभी भी सेवा इंटनेशनल के वोलेंटियर यूक्रेन में काम कर रहे है।

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