नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के एक सितारे मुलायम सिंह यादव का पिछले दिनों निधन हो गया। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यंमत्री एवं केंद्र में रक्षामंत्री रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव जवानी के दिनों पहलवानी का शौक रखते थे। सक्रिय राजनिति में आने से पूर्व स्व० मुलायम सिंह यादव शिक्षक थे। राजनिति में जुबानी जंग चलती रहती है। कुछ दल विचारधाराओं को लेकर जनता के सामने परस्पर शत्रुओं जैसा व्यवहार करते दिखाई देते हैं। लेकिन लोकतंत्र में राजीनीतिक शुचिता भी है। और इसलिए कभी-कभी ऐसा समय आता है जब किसी पार्टी को अपने विचार परिवार के समर्थकों को छोड़ प्रतिद्वंदी पार्टी के सामने समर्पित होना पड़ता है।
मुलायम सिंह यादव का निधन भाजपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के सामने वही क्षण था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से कुछ समय पूर्व बाबूजी कहे जाने वाले कल्याण सिंह का निधन हो गया था। कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह भाजपा उत्तर प्रदेश का बड़ा चेहरा थे।
लेकिन उनके निधन पर समाजवादी पार्टी में इस प्रकार की संवेदना नहीं दिखाई दी थी जैसी आज भाजपा नेताओं में मुलायम सिंह के निधन पर दिख रही है। जबकि मुलायम सिंह के साथ कल्याण सिंह ने वर्ष 2003 व 2009 में दो दोस्ती बढ़ाकर गठबंधन किया था। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को कल्याण सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी द्वारा उस उपेक्षा की आशा नहीं थी जो समाजवादी पार्टी द्वारा की गयी। राजनितिक पंडितों का मानना था कि सपा के नेता कल्याण सिंह की हिन्दूवादी छवि के कारण उनके अंतिम दर्शनों से दूर रहे। विधानसभा चुनाव सर पर था और AIMIM की सक्रियता के कारण मुस्लिम वोटों को साधना सपा के लिए जरूरी था। ध्यान रहे कि कल्याण सिंह ने कई सार्वजनिक भाषणों में मस्जिद गिरावने और कारसेवकों पर गोली नहीं चलवाने की बात स्वीकार की थी।
इसके इतर वर्ष 1990 में मुलायम सिंह यादव कारसेवकों पर गोली चलवाने के फैसले को कठिन बताते हुए स्वीकार कर चुके थे। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। तब भाजपा की विचार लॉबी ने ही मुलायम सिंह यादव को मुल्ला मुलायम की उपाधि तक दे डाली थी। राजनितिक कारणों से मुलायम की एक मुस्लिम हितेषी छवि बनाई जा रही थी जिसमें भाजपा को कहीं हद तक सफलता मिली। हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण कुछ हद तक तो हुआ लेकिन भाजपा को उस दौर में चुनावी सफलता नहीं मिली. उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावों के दौरान मुलायम सिंह यादव को अब्बा जान कहकर संबोधित किया था। इसलिए मुलायम सिंह के निधन पर भाजपा वोटर कुछ अलग प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहे थे। इस बात की पुष्टि मुलायम सिंह के निधन पर बाबरी ढांचा विध्वंस के समय गोली से मारे गए कोठारी बंधुओं का फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने से होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा
Shri Mulayam Singh Yadav Ji was a remarkable personality. He was widely admired as a humble and grounded leader who was sensitive to people’s problems. He served people diligently and devoted his life towards popularising the ideals of Loknayak JP and Dr. Lohia. pic.twitter.com/kFtDHP40q9
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2022
उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुलायम सिंह के निधन को एक युग का अंत बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा " मुलायम सिंह यादव जी अपने अद्वितीय राजनीतिक कौशल से दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे। आपातकाल में उन्होंने लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए बुलंद आवाज उठाई। वह सदैव एक जमीन से जुड़े जननेता के रूप में याद किए जाएँगे। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी इस दौड़ में कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने लिखा,
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखदायी है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 10, 2022
उनके निधन से समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ एवं एक संघर्षशील युग का अंत हुआ है।
ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना व शोकाकुल परिवार एवं समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।
इसके अलावा भी राजनीतिक शुचिता की मिसाल पेश करने के लिए अमित शाह अंतिम दर्शन के लिए आये. अंतिम संस्कार के समय से पूर्व योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित रहे. जबकि अखिलेश यादव के साथ उत्तर प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्रीयों का संवेदना से भरा हुआ फोटो भी खूब वायरल हुआ।
इस सबमें भाजपा समर्थक काफी हैरान दिखे। फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भाजपा नेताओं पर कई तरह के मीम और तंज देखने को मिले। कोठारी बंधुओं का फोटो वायरल होना भी यह बताता है की भाजपा विचार परिवार के समर्थक मुलायम सिंह के प्रति नाराजगी क्यों रखते हैं। समर्थकों और फॉलोवर्स ने अपने नेताओं की पोस्ट पर कमेंट करके उनकी क्लास लगाने की कोशिश भी की। इससे अलग कुछ लोगों ने कारसेवकों की सड़ी गली लाशों की वीडियो कमेंट कर अपने नेताओं से सवाल पूछे। इस सब पर कुछ लोगों का मानना है कि भाजपा मुलायम सिंह के निधन को यादव समाज से जुड़ने का एक जरिया बनाना चाहती है. भाजपा यह सब आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कर रही है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे अधिक सीटें हैं और इसलिए यादव मतदाताओं को भुनाने का एक प्रयास भाजपा द्वारा किया गया गया है।
पत्रकार
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